स्टॉक लिमिट के बावजूद गेहूं के रेट में तेजी जारी, दलहन तिलहन मार्केट के दामों पर दबाव, साथीयों जैसा कि केंद्र सरकार ने कीमतें नियंत्रित व जमाखोरी पर निगरानी रखने हेतु तुअर, चना और काबुली चना के स्टॉक पर 21 जून को स्टॉक लिमिट लगाई थी ।
वही केंद्र सरकार ने गेहूं के स्टॉक की सीमा तय की थी, दूसरी ओर दालों पर स्टॉक सीमा 30 सितंबर तक लगाई गई है, और इसके बाद समीक्षा की जाएगी। हालांकि गेहूं पर मार्च 2025 तक सीमा लगाई गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 21 और 26 जून को लगाई गई स्टॉक सीमा के बाद गेहूं के दाम पर कोई असर नहीं हुआ बल्कि भाव मजबूत हुए ।
इस समय दलहन (तुअर/चना) में दबाव देखा जा रहा। उदाहण के तौर पर स्टॉक सीमा लगाए जाने के बाद गेहूं के औसत दाम में वृद्धि हुई है , उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार 1 अप्रैल से 26 जून (स्टॉक सीमा लगाए जाने तक) तक अखिल भारतीय स्तर पर गेहूं का थोक मूल्य 1.3 प्रतिशत बढ़ा था। इसके बाद दाम में 0.36 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई।
निजी कारोबारियों के अनुसार कुछ केंद्रों में गेहूं के दाम में वृद्धि हुई है और यह मामूली नहीं है। उन्होंने बताया कि बाजार में गेहूं की आपूर्ति की अत्यधिक कमी है, और अभी भी कुछ बड़े कारोबारियों के पास भंडार है। उनके अनुसार जब तक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) गेहूं का स्टॉक जारी नहीं करेगा तब तक दाम में अधिक गिरावट नहीं आएगा।
गेहूं के कारोबारियों, थोक विक्रेताओं और बड़ी रिटेल श्रृंखलाओं को 26 जून से शुरू हुई तारीख के 30 दिनों के अंदर स्टॉक को तय सीमा में करना है। कारोबारियों के अनुसार गेहूं के मुकाबले दालों के रेट अधिक गिरे हैं। इसका कारण यह है कि सर्वप्रथम गर्मियों में दाल की मांग कम होती है। दूसरा, दालों के आयात पर शून्य शुल्क है। तीसरा, आयातकों को दालों की आयातित खेप को 45 दिनों से अधिक समय रोकना तक नहीं रोकना है। लिहाजा उन्हें बाजार में तेजी से दालों का स्टॉक जारी करने को मजबूर किया गया है।
व्हाट्सअप ग्रुप से जुड़े 👉 यहां क्लिक करें
ये भी पढ़ें 👉 तेल कंपनियों ने जारी किए नए पेट्रोल एवं डीजल के भाव जाने, दिल्ली से मुंबई तक ताजा रेट
ये भी पढ़ें 👉 हरियाणा राजस्थान पंजाब यूपी सहित देश के 15 जिलों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट
ये भी पढ़ें 👉 किसानों को हैप्पी सीडर एवं सुपर सीडर पर 50 फीसदी सब्सिडी का अंतिम मौका