Sarso Ki kheti: सरसों की फसल में है सफेद तना गलन रोग तो किसान करें ये सस्ता सा उपाय, भरपूर होगा लाभ
Sarso Ki Kheti: सरसों की खेती (सरसों की फसल) भारत के अधिकतर हिस्सों में होती है यह एक रबी सीजन की प्रमुख तिलहन फसल है। बीते कुछ सालों से सरसों की बुवाई अच्छी खासी हो रही है । क्योंकि सरसों की कीमतों में बीते साल अच्छे रेट होने के चलते किसानों का इस और रुझान बढ़ा है। लेकिन सरसों की फसल में कई तरह की बीमारियां होने के चलते किस समय पर उपचार नहीं होने के चलती है उत्पादन में काफी नुकसान उठाना पड़ता है।
सरसों की फसल में सफेद तना गलन रोग की समस्या अधिक दिखाई दे रही है बीते दो-तीन साल से । इसको लेकर किसान को अपनी उत्पादन में काफी नुकसान उठाना पड़ता है और काफी दिक्कत इसके इलाज को लेकर हो रही है लेकिन इस रोग के लिए कोई प्रभावी इलाज अभी तक नहीं है लेकिन फिर भी इसरो की रोकथाम के लिए किसान अपने भूमि के उपचार और बीच उपचार करके इस रोग को रोकने में लाभ मिलता है।
किसान सरसों की फसल में सफेद तना गलन रोग की पहचान कैसे करें
किसान सरसों की फसल में अपने अक्सर देखा होगा। कि सरसों की फसल के पौधे का तना गल कर सूख जाता है। और यह जमीन से थोड़ा सा ऊपर के तने में सफेद रंग की फंगस जैसा दिखाई देता है। और कुछ दिनों बाद ही यह सुख जाता है और इस रोग में सफेद काले और बुरे रंग के तने में धब्बे दिखाई देते हैं और यह होने पर फसल नष्ट हो जाती है।
सरसों की फसल में सफेद तना गलन रोग कब फैलता है
किसान भाई आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरसों की फसल में सफेद तना गलन रोग या फैलने का सबसे उपयुक्त समय दिसंबर और जनवरी महीना में ज्यादा प्रकोप देखने को मिलता है क्योंकि इस समय सर्दी का मौसम होता है और ज्यादा कोहरा आने और खेत में पानी देने के बाद या बारिश से ज्यादा नमी बनी रहती है। जिसके चलते पौधों में फंगस रोग हो जाता है और यह रोग रोग के तेजी के साथ आगे बढ़ता है।
सरसों की फसल में सफेद तना गलन रोग की रोकथाम कैसे करें
किसानों को सरसों की फसल में यह रोग आने से पहले करना सही रहता है अगर यह आपकी फसल में रोग आ जाता है तो इसे कंट्रोल करना काफी मुश्किल हो जाता है।
अगर आपकी सरसों की फसल में सफेद तना गलन रोग आने से पहले आप इसकी रोकथाम करना चाहते हैं तो आपको कार्बेन्डाजिम 0.1% का सरसों की फसल में बुवाई होने की 45 से 50 दिन के मध्य में फसल पर छिड़काव करें और इसके 15 दिन के अंतराल के बाद 1 स्प्रे और करें। यानी आपको सरसों की फसल में दो स्प्रे करना होगा।
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