धान की फसल में हो रही है सफ़ेद धारियां या फिर सुख रही हैं पतियां, या तना छेदक तो किसान इस दवा का करें इस्तेमाल 2024
इस समय धान की फसल में कीट एवं सुखी पतियां हो रही हैं तो कौन सी दवा डाले, चलिए जानते हैं। Paddy insects
Paddy insects| देश के अधिकतर राज्यों में धान की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है, कई स्थानों पर धान की फसल तकरीबन 20 से 25 दिन की हो चुकी है, इन दिनों देखने में आ रहा है कि फसल में कई प्रकार की बीमारिया जैसे तना लपेट एवं तना छेदक आदि का प्रकोप बढ़ रहा है, जिससे फसल बर्बाद हो रही है। इससे निजात पाना किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। किसान इसके रोकथाम हेतु क्या क्या उपाय कर सकते हैं, आज के इस लेख में हम आपको संपूर्ण जानकारी देने वाले है।
धान के पौधे में तना छेदक रोग की पहचान
धान में कई प्रकार के रोगों के प्रकोप के बीच कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में पदस्थ डॉक्टर नूतन वर्मा के अनुसार तना छेदक बीमारी धान की गोभ को खा जाता है जिसके कारण पौधे की गोभ सूखने लगती है एवं पौधे के अन्य गोभ को भी यह बीमारी खराब करने लग जाती है जिसके चलते संपूर्ण पौधा सूखने लगता है।
तना छेदक paddy insects के अलावा धान की अन्य बीमारी पता लपेट है जो पते को अपनी लार से चिपका कर ट्यूब की भांति बना देता है, यह रोग पौधे की पत्ती के क्लोरोफिल को खाने लगता हैं। जिससे पतियों पर सफ़ेद धारियां बन जाती है एवं संपूर्ण पौधे को सुखाने लगती हैं।
सफ़ेद कीट एवं तना छेदक रोग की रोकथाम के उपाय
Paddy insects| डॉक्टर के अनुसार किसान साथी इस रोग की रोकथाम हेतु कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 4 जी नामक कीटनाशक का प्रयोग कर सकते हैं, इसका इस्तेमाल किसान साथी प्रति एकड़ 8 किलो कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 4 जी को मिट्टी में मिलाकर कर सकते हैं।, एवं संपूर्ण खेत में भिखराव कर दे।
किसानों को सलाह दी जाती है कि इस दवाई का इस्तेमाल अपने खेत में बुवाई के 30 दिन से पहले जरूर कर ले। ऐसा करने के उपरांत धान की फसल में तना छेदक एवं पत्ता लपेट की पहली ओर दूसरी पीढी से निजात पा सकते हैं। इसके अलावा यदि धान में पता लपेट आय तो किसान साथी कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 50 एसपी नामक कीटनाशक का इस्तेमाल कर सकते हैं, इसके लिए किसान 500 ml दवा को 400 लीटर पानी के घोल बनाकर प्रति हैक्टेयर में छिड़काव कर दें।Paddy insects
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