Paddy and rice future price 2025 : अनाज मंडियो में इस समय धान की आवक में बड़ी गिरावट दर्ज की जा रही है, इस समय जनवरी माह में आवक गिरकर 25 फीसदी तक रह गई है, उधर बारीक की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है, ऐसे में क्या धान के रेट में तेजी आएगी या गिरावट, आइए जानते हैं..
धान- चावल तेजी मंदी रिपोर्ट (Paddy and rice 2025)
पिछले वर्षों की बजाय वर्ष धान एवं बारीक चावल के भाव काफी नीचे आ चुके हैं तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी भारतीय चावल की अपेक्षा अन्य सभी देशों के चावल महंगे बिक रहे हैं। इसके कारण घरेलू निर्यातक माल पकड़ने में लगे हैं। वहीं धान की आवक मंडियो एवं किसानों के पास केवल 25 प्रतिशत रह गई है, इसे देखते हुए अब इससे मंदे के बादल छंटना समझना चाहिए तथा भविष्य में भरपूर लाभ की संभावना बन रही है।
धान की आवक में आई कमी भाव में तेजी संभव
खरीफ सीजन 2024- 25 में धान का उत्पादन (paddy production) बंपर हुआ है, इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन लेकिन 20/22 रुपए प्रति किलो की थोक में रिकॉर्ड गिरावट नाजायज आ गई थी, इसका मुख्य कारण यह रहा कि निर्यात मांग पिछले साढ़े तीन महीने में बहुत कम रही है अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिति सुधरने लगी है, तथा यूपी हरियाणा पंजाब राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में 1509 सहित सभी धान की आपूर्ति एक चौथाई यानि 25 फीसदी तक रह गई है।
घरेलू बाजार में चावल की कीमतों में उछाल
हालांकि पिछले एक पखवाड़े के अंतराल इसमें 400 रुपए प्रति क्विंटल की उल्लेखनीय गिरावट आ चुकी है तथा इन भावों में अब राइस मिलों को 250/275 रुपए का मीलिंग महंगा पड़ने लगा है। यही कारण है कि कोई भी मिलर्स अब घटकर माल बेचने को इच्छुक नहीं है तथा हरियाणा पंजाब की राइस मिलें कल दोपहर बाद से 175/200 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर सभी बारीक चावल के भाव बोलने लगी हैं।
जो यूपी की राइस मिलों से 1509 चावल पिछले सप्ताह 5200 रुपए प्रति कुंतल एक्स मिल बिका था, उसके भाव 5350 रुपए प्रति कुंतल हो गए हैं। इसी तरह हरियाणा पंजाब की राइस मिलों से 5250 रुपए से बढ़कर 5400 रुपए का सेला माल का व्यापार हो गया है। इधर धान की आपूर्ति चौतरफा काफी कम हो जाने से 1509 धान के भाव दोपहर बाद 50/75 रुपए बढ़ाकर बोलने लगे।
जो धान करनाल कुरुक्षेत्र एवं तरावड़ी लाइन में 2800/2850 रुपए बिक गया था, उसके भाव 2875/2900 रुपए बोलने लगे हैं तथा कैचल टोहाना चीका सफीदों लाइन में 2925/3000 तक भाव बोलने लगे हैं। इधर यूपी के रुद्रपुर बरेली बहजोई काशीपुर टांडा की राइस मिलों में भी 2700/2750 से बढ़कर 2850/2850 रुपए मिल पहुंच में धान की खरीद हुई है तथा कुछ कारोबारी भी स्टॉक के माल 50/60 रुपए और बढ़ाकर बोल रहे हैं।
यही कारण है कि स्टीम चावल के भाव भी डेढ़-दो सौ रुपए तेज हो गए हैं तथा 1847 एवं 1401 के साथ-साथ 1718 चावल सेला के अलावा स्टीम के भाव भी तेज हो गए हैं। चर्चा है कि ईरान में भाव काफी ऊंचे हैं तथा वाया पाकिस्तान अफगानिस्तान माल जाने लगा है।
अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में चावल हुआ तेज
इधर पाकिस्तान में चावल के भाव यहां की अपेक्षा 300/350 रुपए प्रति क्विंटल ऊंचे चल रहे हैं। दूसरी ओर ईरान पूरी तरह से खाली है तथा भारत के अलावा दूसरे देशों से आयात करने पर खपत बाले देशों को 255/300 रुपये चावल महंगा पड़ रहा है, इन सारे तथ्यों को देखते हुए ऐसा आभास हो रहा है कि बासमती प्रजाति के सभी चावल से मंदे के बादल छंट चुके हैं तथा जैसे-जैसे आगे मौसम गर्म होगा, बाजार बढ़ता जाएगा तथा भविष्य में अच्छी तेजी की संभावना दिखाई देने लगी।
बासमती बारीक चावल की कीमतों में तेजी हुई शुरू
मार्केट में बीते दिन यानी 16 जनवरी देश के सभी उत्पादक राज्यों में बासमती प्रजाति के धान की आपूर्ति एक चौथाई रह गई है। दूसरी ओर राइस मिलों में तैयार माल की बिक्री में थोड़ी सुधार होने से बाजार मजबूत हो गए हैं। यहां मंदे के दलदल के बाद 150/200 रुपए प्रति क्विंटल का सभी तरह के बारीक चावल में मजबूती आ गई है। भविष्य में निर्यातों की मांग सुधरने पर यह नीचे वाले भाव देखने को नहीं मिलेंगे। अतः वर्तमान भाव में व्यापार करना चाहिए तथा कुछ दिन इंतजार करने की जरूरत है। विदेशों में भारतीय चावल का आयात सबसे सस्ता पड़ रहा है, इसलिए पूछताछ निर्यातकों की आने लगी है। पिछले दिनों भुगतान संकट की हवा फैल गई थी, उसका भी प्रभाव चावल उद्योग पर विपरीत पड़ा था।
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