किसानों के लिए खुशखबरी, खाद कंपनियां अब नही वसूलेगी अपनी मर्जी की कीमत, कीमतों में क्या होगा असर, जानें
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सरकार ने बड़ा फैंसला लिया है, अब खाद कंपनियां अपनी मनमर्जी की कीमतें नही ले पायेगी, इस प्रकार अब खाद एवम् उर्वरक की कीमतों में स्थिरता आयेगी तो चलिए जानते हैं पुरी ख़बर क्या है…
खाद कंपनियां अपनी मनमर्जी से नहीं वसूलेगी कीमत
हाल ही में सरकार ने नॉन यूरिया खाद पर प्राइस को कंट्रोल में ले आए हैं, एवम् नॉन यूरिया रासायनिक खाद पर प्रॉफिट मार्जिन भी तय कर लिया गया है, आयत के लिए प्रॉफिट मार्जिन अधिकतम 8 फीसदी, उत्पादन कंपनियों हेतु प्रॉफिट मार्जिन 10 फीसदी एवम् इंटीग्रेटेड कंपनियों हेतू 12 फीसदी तक तय कर दिया गया है, आपको बता दें कि विपणन वर्ष 2010 में सरकार द्वारा एनबीएस स्कीम के तहत बाजार के हवाले कर दिया गया था, परंतु अब नॉन यूरिया फर्टिलाइजर के लिए एनबीए स्कीम में डीएपी, एमओपी एवम् अन्य रसायनिक खाद की कीमत अपने अनुसार वसूलने में रोक होगी।
इस प्रकार सरकार देती है फर्टिलाइजर पर सब्सिडी
किसानों को सरकार द्वारा प्रत्येक साल सब्सिडी का लाभ देती रहती है, रबी सीजन हेतु सरकार द्वारा नाइट्रोजन खाद पर 47.2 रुपए प्रति किलो, फास्फोरस खाद पर 20.82 रुपए प्रति किलो, पोटाश पर 2.38 रुपए प्रति किलो एवम् सल्फर पर 1.89 रुपए प्रति किलो की सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है, हालांकि यूरिया रासायनिक खाद पर सरकार द्वारा मूल्य तय करने का नियंत्रण है, परंतु अन्य खाद पर अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रण से बहार है।
इस प्रकार रहेगी कीमत
नॉन यूरिया रासायनिक खाद पर अप्रत्यक्ष रूप से एमआरपी रेट के अंदर प्रॉफिट मार्जिन पर सीमा लगाकर सरकार ने बड़ा कदम उठाया है , हाल ही में सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार नॉन यूरिया फर्टिलाइजर को एमआरपी के अंदर ले आए हैं. उनके मुताबिक DAP हेतू 27000 करोड़, MOP हेतू 33100 करोड़, NPK हेतू 29400 करोड़, NPKS हेतू 25000 करोड़ का फिक्स कर दिया गया है।
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