मोठ उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद के बीच जानें साल 2024 में मोठ भाव में तेजी या मंदी, मोठ भाव भविष्य क्या रहेगा 2024
इस बार मोठ भाव भविष्य क्या रहेगा 2024 इसके बारे में बात करें तो हाल फिल्हाल मोठ की फसल नागौर, डीडवाना, बाड़मेर, दौसा, बालोतरा एवं मेड़ता लाइन में अच्छी आई है। वास्तविकता यह है कि फसल आने के समय में लगातार तीन-चार दिनों तक राजस्थान में बरसात होने से फसल कम की हवा उड़ा कर कारोबारी ऊंचे भाव में माल पकड़ने लगे थे, जो उनके गले में फंस गई है।
मोठ भाव भविष्य 2024 जानें क्या है उम्मीद
बीते अक्टूबर महीने की शुरुवाती दीनो मे मोठ भाव मंडियो में काफ़ी ऊंचे खुले थे, जहां मोठ के भाव बीते माह में 6600 से 6650 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहे थे वहीं आज इनके भाव घटकर इस समय फरवरी माह में 6150 से 6200 रुपए प्रति क्विंटल तक आ पहुंचा है, मोठ धोया की बिक्री काफी ठंडी पड़ गई है, क्योंकि मूंग में भी 200 निकल जाने से उसका धोया सस्ता बिक रहा है।
हालांकि यह बात मोठ की बिजाई पहले की अपेक्षा थोड़ी कम हुई थी, लेकिन इसके बीज बढ़िया प्रजाति के बिजाई किये जाने से प्रति हैक्टेयर उत्पादकता अधिक बैठी थी। दूसरी ओर धोया के मतलब की मूंग 8300/8500 के आसपास बिक रही है, जिससे मोठ धोया के पड़ते, मूंग से महंगे लग रहे हैं। । इधर भुजिया नमकीन बनाने वाली कंपनियां इतने ऊंचे भाव में माल नहीं खरीद रही है तथा किसान भी अब मंडियों में तेजी से गिरते भाव देखकर माल के बिकवाली में आ गये हैं, इसे देखते हुए एक पखवाड़े पहले 6550 रुपए बिकने वाली मोठ वर्तमान में 6150/6200 रुपए पर आ गयी है।
गौरतलब है कि हल्की भारी मूंग काफी नीचे बिक रही है, जिससे धोया के पड़ते के माल मिल रहे हैं। मोठ का स्टॉक पहले पुराने मालों का निपट गया था, जिससे उसकी मोठ धोया किसी भी मिलों में नहीं है तथा मूंग धोया नीचे बिकने से मोठ धोया की मिलावट नहीं हो पाएगी। दूसरी ओर पिछेती मोठ नागौर एवं डीडवाना लाइन में तेजी से किसानों के घर से निकलने लगी है। बीकानेर की दाल मिलें भी माल कम खरीद रही है।
नोहर मंडी भी इस समय मंदी चल रही है, क्योंकि पिछले चार-पांच दिनों से वहां व्यापार अनुकूल नहीं है। यही कारण है की मोठ में अभी बाजार ग्राहकी का सपोर्ट नहीं मिलने से और घटेगा। नोहर लाइन की भी मांग उत्पादक मंडियों से कम हो रही है। उधर मेड़ता एवं बीकानेर लाइन में बड़ी कंपनियां अभी माल नहीं खरीद रही है, क्योंकि पहले का खरीदा हुआ माल भी उनके गले में फंसा हुआ है, इन परिस्थितियों में निकट में बाजार तेजी की गंजाइश नहीं लग रही है।
मोठ इस बार सीजन पर काफी ऊंचे भाव होने से कोई भी कारोबारी स्टॉक का व्यापार करने में इच्छुक नहीं है। कारोबारी तेजी में बैठे हैं, लेकिन जिस तरह मंडियों में आवक एवं ग्राहकी की स्थिति बनी हुई है, उसे देखते हुए 200 रुपए की और गिरावट लग रही है।
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