नमस्कार साथियों आज हम जानेंगे मसाला बाजार भाव में क्या है संभावना, एवम् लालमिर्च, काली मिर्च,छोटी इलायची, बड़ी इलाइची, लौंग, सोंठ, पिस्ता, काजू रेट एवम् भाव भविष्य 2023, में किस प्रकार से चल रहें हैं। एवम् किराना बाजार भाव में क्या है संभावना तो चलिए जानते हैं आज के इस लेख में विस्तार से जानकारी।
लालमिर्च में बनी रहेंगी सुस्ती। मसाला बाजार भाव
मसाला बाजार भाव:- गुंटूर समेत आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना की मंड़ियों में लालमिर्च की आवक सीमित ही बनी हुई है। मानसून सीजन चालू होने के कारण बिक्री में भी सुस्ती छाई हुई है। आने वाले कुछ दिनों में भी लालमिर्च कमज़र ही बनी रहने के आसार हैं।
आप को समय-समय पर लालमिर्च की तेजी-मंदी के सम्बन्ध में नवीनतम जानकारियां मिलती रहती हैं और उन्हें इससे लाभ भी होता है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उत्तरी और मध्य भारत के विपरीत अभी मानसून ने अपना रौद्र रूप धारणा नहीं किया है। हालांकि वहां भी वर्षा चालू है। इसके बाद भी गुंटूर मंडी में लालमिर्च की करीब 50 हजार बोरियों की आवक होने की जानकारी मिली। यह सामान्य से नीची मानी जा रही है। गुंटूर समेत आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की प्रमुख मंड़ियों में लालमिर्च की कीमतों में हाल ही में आई तेजी के बाद भी इसकी आवक सामान्य से नीची बनी हुई है। इससे पूर्व आवक बढ़ती हुई करीब करीब 1.50 लाख बोरियों की होने लगी थी।
बहरहाल, आवक तुलनात्मक रूप से नीची होने के बाद भी दिसावरों की मांग घटने से लालमिर्च की चुनिन्दा किस्मों में मामूली मंदी आने लगी है। मध्य प्रदेश की फसल आने में अभी समय है। इसके समर्थन में स्थानीय थोक किराना बाजार में 334 नंबर लालमिर्च हाल ही में 500 रुपए और तेज हुई है। यहां पर 334 नंबर लालमिर्च फिलहाल 24,000/26,500 रुपए प्रति क्विंटल के पूर्वबंद स्तर पर ही रुकी हुई है। इससे पूर्व इसमें 2 हजार रुपए का उछाल आया था।
इसका प्रमुख कारण यह है कि बरेली से आवक घट गई है और एमपी की फसल शुरू होने में अभी समय शेष है। इसके अलावा, भारी वर्षा के कारण उत्तर प्रदेश के कुछ उत्पादक क्षेत्रों में फसल को नुकसान भी होने की सूचनाएं आ रही हैं। चालू सीजन के दौरान लालमिर्च की नई फसल का उत्पादन भी अब अच्छा होने का अनुमान व्यक्त किया जाने लगा है।
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छोटी इलायची में तेजी की संभावना। किराना बाजार भाव
मसाला बाजार भाव:- बढ़ी हुई कीमत पर भी छोटी इलायची की बिक्री सुस्त पड़ती दिख रही है। यही वजह है कि यहां छोटी इलायची साढ़े सात एमएम 1675 रुपए प्रति किलोग्राम के पूर्वस्तर पर ही जमी रही। हाल ही में इसमें 25 रुपए की तेजी आई थी। आज आयोजित हुई ग्रीन कार्डमम ट्रेडिंग कंपनी नीलामी में आवक बढ़कर 29,091 किलोग्राम की होने की सूचना मिली। आवक तुलनात्मक रूप से ऊंची होने के बाद भी लिवाली मजबूत ही बनी होने से इसकी औसत नीलामी कीमत उछलकर 1424.30 रुपए प्रति किलोग्राम हो जाने की जानकारी मिली। इससे पूर्व 15 जुलाई को हुई इस नीलामी में यह कीमत 1329.38 रुपए थी। नई फसल को लेकर व्यक्त की जा रही चिंताओं से बाजार की धारणा प्रभावित हो रही है। आने वाले एक-दो दिनों में हाजिर में छोटी इलायची मंदी होने का डर नहीं दिख रहा है।
लौंग में मंदी रहेगी जारी।
घटी कीमत पर भी लौंग का उठाव सुस्त ही बना हुआ है। इसके फलस्वरूप यहां लौंग 1010 रुपए प्रति किलोग्राम के पूर्वबंद स्तर पर ही जमी रही। हाल ही में इसमें 10 रुपए की मंदी आई थी। नवीनतम कीमत भी सामान्य से काफी ऊंची होने की वजह से बाजार की धारणा प्रभावित हो रही है। आगामी एक-दो दिनों में हाजिर लौंग तेजी के आसार नहीं हैं।
कालीमिर्च में तेजी
बढ़ी हुई कीमत पर भी कालीमिर्च का उठाव और बढ़ गया है। इसके परिणामस्वरुप यहां कालीमिर्च मरकरा 10 रुपए और तेज होकर 605 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर जा पहुंची। एक दिन पूर्व इसमें 30-40 रुपए की तेजी आई थी। कोच्चि में साप्ताहिक अवकाश रहा लेकिन इससे पूर्व वहां इसकी आवक नगण्य होने तथा कीमत एक दिन पूर्व के स्तर पर ही बनी होन े की सूचना मिली थी। आगामी एक-दो दिनों में हाजिर में कालीमिर्च मजबूत ही बनी रह सकती है।
सौंठ होगी तेज
बढ़ी हुई कीमत पर भी सौंठकी बिक्री मजबूत ही बनी हुई है। इसके फलस्वरूप यहां सौंठ सामान्य 3 हजार रुपए उछलकर 41 हजार रुपए प्रति क्विंटल के अभी तक के सर्वोच्च स्तर पर जा पहुंची। इससे पूर्व भी इसमें 4-5 हजार रुपए का उछाला आया था। साप्ताहिक अवकाश के कारण कोच्चि में कामकाज बंद रहा परन्तु इससे पूर्व वहां इसकी आवक नगण्य होने तथा कीमत एक दिन पूर्व के स्तर पर ही बनी होने की खबर मिली थी। अदरक की ऊंची कीमत तथा आपूर्ति का अभाव होने से बाजार की धारणा प्रभावित हो रही है। आने वाले एक-दो दिनों में सौंठ मजबूत ही बनी रह सकती है।
पिस्ता मंदा जारी रहेगा
बढ़ी हुई कीमत पर पिस्ते की बिक्री सुस्त बनी हुई है। यही वजह है कि यहां पिस्ता पेशावरी 2050 रुपए प्रति किलोग्राम के पूर्वस्तर पर ही स्थिर बना रहा। हाल ही में मसाला बाजार भाव इसमें 50 रुपए की तेजी आई थी । यद्यपि हाल ही में तापमान में थोड़ी कमी आई है लेकिन हैराती पिस्ते में आई तेजी से बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती है। आगामी एक-दो दिनों में हाजिर में पिस्ता मजबूत ही बना रह सकता है।
काजू रेट में सुस्ती जारी रहने के आसार
किराना बाजार भाव:- बढ़ी हुई कीमत पर भी काजू की बिक्री सुस्त ही बनी हुई है। इसके फलस्वरूप यहां काजू 180 नंबर 1070 रुपए प्रति किलोग्राम के पूर्वस्तर पर ही जमा रहा। हाल ही में इसमें 20-25 रुपए की तेजी आई थी। खपत का सीजन नहीं है। हालांकि प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में मानसून चालू होने से बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती है। आगामी एक-दो दिनों में हाजिर में काजू में सुस्ती बनी रह सकती है
बड़ी इलायची रेट में रहेगा ठराव
उत्पादक व वितरक मंडियों में बड़ी इलायची(मसाला बाजार भाव) में भारी शॉर्टेज बनने एवं आने वाली फसल कमजोर होने से बाजार बढ़ता जा रहा है। उत्पादक मंडियों की स्थिति को देखते हुए आने वाले हफ्ते में तकरीबन 150 रुपए और तेज लग रहा है।
इस बार नेपाल में आने वाली फसल को भारी क्षति हुई है तथा वहां पहले ही 23 प्रतिशत बड़ी इलायची के दाने झड़ गए हैं। दूसरी ओर पुराने माल का स्टॉक वहां की मंडियों में समाप्त हो चुका है। घरेलू उत्पादक मंडियों में माल का प्रेशर नहीं है तथा भूटानी माल जो सस्ता आकर मंडियों की खपत की पूर्ति करता था, वह भी इस बार बहुत कम आया है। आपको बता दें कि नेपाल एवम् भूटान दोनों ही देशों में इस बार फसल कम होने से सस्ते भाव पर भारतीय बाजारों में बिकने वाली बड़ी इलायची की आवक कम हो रही है। यही कारण है कि चालू सप्ताह के अंतराल 145 से 150 रुपए की बढ़त बन गई है।
पिछले महीने यहां मीडियम क्वालिटी की बड़ी इलायची 670 रुपए बिकने के बाद 900 रुपए प्रति किलो के आसपास बिक रही है। गत वर्ष इन दिनों यह 610 रुपए तक नीचे में बिक गई थी। इस तरह हम देख रहे हैं कि 50 प्रतिशत के करीब भाव ऊंचे हो चुके हैं। कुछ दिनों में आने वाली फसल में भी गंगटोक एवम् सिलीगुड़ी लाइन में बड़ी इलायची की फली में पिछ्ल सीजन कीड़े लग जाने से कुल उपलब्धि का 40 फ़ीसदी कम का अनुमान आ रहा है। दूसरी ओर सस्ते भाव में भूटान से आने वाली बड़ी इलायची पड़ते के अभाव में वहीं खप हो रही है । नेपाल का माल हल्की क्वालिटी का पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान सहित अन्य देशों में जा रहा है, इन सारी परिस्थितियों से भारतीय बाजारों में हल्के माल की उपलब्धि इस बार सीजन के शुरुआत से ही कम रहेगी।
नई फसल आने में अभी 3 महीने का पूरा समय पड़ा हुआ है। तथा इसमें पखवाड़े से सॉरी मांग बढ़ गई, जिसमें बड़ी इलायची की खपत सामान्य की अपेक्षा 10 प्रतिशत अधिक रहती है। श्रावण के दोनों महीने जबरदस्त खपत वाले है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए बड़ी इलायची के व्यापार में कोई रिस्क नहीं दिखाई दे रहा है। अभी पिछले महीने ऊपर 670 रुपए प्रति किलो बिकने के बाद बाजार 900 रुपए पर पहुंच गयी है, इन भावों में 2 दिनों से बिक्री अच्छी है, वही कुछ व्यापारी 920 रुपए भी बोलने लगे हैं तथा इसमें आगे मांग एवं उत्पादक मंडियों में स्टॉक को देखते हुए 150 रुपए प्रति किलोके हिसाब से तेजी लग रही है।