Mandi News:- तुवर भाव बढ़ेगा या घटेगा, मसूर मुंग उड़द भाव भविष्य 2023। मंडी भाव कब बढ़ेगा। साप्ताहिक समीक्षा।
Mandi News:- तुवर भाव बढ़ेगा या घटेगा, नमस्कार साथियों आज हम मंडी बाजार भाव के इस लेख में जानेंगे मसूर मुंग उड़द भाव भविष्य 2023। मंडी भाव कब बढ़ेगा। तुवर मूंग उड़द मसूर भाव साप्ताहिक समीक्षा।
मसूर सप्ताहिक रिपोर्ट: पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार कटनी मसूर 5925/50 रुपये पर खुला था ओर शनिवार 6075 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान मसूर व मसूर दाल मे मांग बनी रहने से +125 रूपये प्रति कुंटल की मजबूत दर्ज की गई। सप्ताह के दौरान देशी मसूर मंडी भाव में हलकी मजबूती दर्ज की गई दिल्ली/कटनी में मसूर 100-125 रुपये मजबूत रहा कटनी में मसूर दाल में 50 रुपये की वृद्धि दर्ज की गई इसबीच मंडियों में कही कही मसूर के दाम में सुधार होते दिखे इम्पोर्टेड मसूर के दाम मुंबई और कोलकाता पोर्ट पर कमोबेश रुके रहे कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में नया मसूर फसल की स्थिति अभी तक अच्छी है। अंतराष्ट्रीय बाजार में मसूर के दाम में हल्का सुधार दर्ज किया गया ऑस्ट्रेलिया और कनाडा मसूर कोलकाता पोर्ट के भाव लगभग स्थिर $675 और $715 (अगस्त-सितंबर) बोले जा रहे हैं।ऑस्ट्रेलिया के नए फसल (अक्टूबर-नवमेंट शिपमेंट) के लिए $685 सूना जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया से इस वर्ष भारत ने अच्छी मात्रा में मसूर आयात किया है। घरेलु मसूर का फंडामेंटल न्यूट्रल है। जानकारों के अनुसार इम्पोर्टेड मसूर के लगातार आयात के कारण मसूर 100-150 की रेंज में व्यापार करता रहेगा।
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मूँग सप्ताहिक रिपोर्ट: पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली बेस्ट मूंग राजस्थान लाईन 3 KG 7750/75 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 3KG 8050/60 रूपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान मूंग में मांग बनी रहने से +285 रूपए प्रति क्विंटल की मजबूत दर्ज की गई। कृषि बाजार भाव सर्विस की मूंग में मजबूती की रिपोर्ट काफी सटीक रहा देश में मूंग की कमजोर बोवाई को देखते हुए भाव में मजबूती इसबीच कई राज्यों में बोवाई तो कम है साथ में बारिश भी कमजोर दलहन में मूंग की फसल सबसे कम 60-70 दिन में तैयार हो जाती है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान को छोड़कर सभी राज्यों में बोवाई कमजोर है। मूंग का एमएसपी अब काफी आकर्षक है इसलिए 7500 के निचे तो किसान अब बेचने से रहा इसबीच राजस्थान में मूंग की सरकारी बिक्री जारी है लेकिन उससे घरेलू मांग की पूर्ति करना मुश्किल कमजोर बोवाई और स्टॉकिस्टों/मिलर्स की सक्रियता से भाव में मजबूती की संभावना
उड़द सप्ताहिक रिपोर्ट: पिछले सप्ताह सुरुवात सोमवार चेन्नई एसक्यू 8450 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम एसक्यू 8350 रुपये पर बंद हुआ बीते सप्ताह के दौरान उडद मे मांग न रहने से -100 रुपए प्रति कुंटल की कमजोर दर्ज की गई, बर्मा से कमजोर संकेत के कारण चेन्नई पोर्ट पर उड़द में कमजोरी रही बर्मा से CNF में उड़द के दाम में 30 डॉलर प्रति टन की कमजोर रही घरेलू बाजार में चेन्नई उड़द में ही कमजोरी है। जबकि देशी तुवर स्थिर है।जबलपुर में गर्मी की उड़द की आवक अब सिमित और मांग काफी अधिक है। गुजरात में गर्मी के उड़द की आवक अब काफी कमजोर हो चुकी है। जून में बर्मा से 44000 टन उड़द आयात होने की रिपोर्ट शुरुआती जानकारी के अनुसार जुलाई में सौदे कम होने से आयात धीमा रह सकता है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार उड़द बोवाई राजस्थान को छोड़कर सभी राज्यों में कमजोर है।महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र में बारिश में देरी से किसान अन्य फसलों की बोवाई के मूड में मध्य प्रदेश के छत्तपुर, सतना और टीकमगढ़ में बारिश कमजोर और ये बड़े उत्पादक क्षेत्र है। उत्पादन कम होगा या ज्यादा इसका सही आंकलन अगस्त मध्य के बाद ही पता चल सकेगा चेन्नई उड़द को 8200 का मजबूत सपोर्ट; जबकि 8650 के ऊपर ही मजबूती की आशंका उड़द बाजार खरीफ फसल, सरकारी निति और बर्मा की बिकवाली पर निर्भर स्टॉक लिमिट के अनुसार और नियमों का पालन करते हुए काम किया जा सकता है।
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तुवर सप्ताहिक रिपोर्ट: पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार अकोला तुुवर नयी मारूति 10550 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 10650 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान अकोला तुवर दाल मे मांग बनी रहने से +100 रुपए प्रति क्विंटल की मजबूत दर्ज हुआ। तुवर बाजार सप्ताह के दौरान उतार-चढाव के बीच कमजोर रहा चेन्नई लेमन तुवर 100 रुपये कमजोर रहा हालांकि अकोला बिल्टी तुवर के दाम स्थिर रहे अफ्रीका तुवर में गिरावट 100-150 रुपये प्रति क्विंटल की रही तुवर में जो उतार-चढ़ाव है।वजह लेमन में ही देशी तुवर लगभग,लगभग स्थिर है देशी तुवर की आवक कम है और डिमांड भी सामने सामने सुस्त है। अफ्रीका से तुवर की आवक शुरू हो रही और आगे धीरे धीरे बढ़ेगी मलावी और मोजांबिक में हलकी बारिश के समाचार है। जानकारों के अनुसार अफ्रीका तुवर की सप्लाई अगस्त से बढ़नी शुरू हो सकती है। देसी तुवर की कमजोर आवक से आने वाले समय में अफ्रीका तुवर की सप्लाई एहम होगी सरकार की तरफ से देशी तुवर टेंडर द्वारा मिलर्स की सप्लाई कर रही इसबीच तुवर की बिजाई में देरी के साथ मराठवाड़ा और उत्तरी कर्नाटक में बारिश की कमी है। मराठवाड़ा और उत्तर कर्नाटक में बारिश की सख्त जरुरत है। तुवर का फंडामेंटल अच्छा है और सरकारी नियमों स्टॉक लिमिट का पालन करते हुए करें तुवर का भविष्य मराठवाड़ा/उत्तरी कर्नाटक में बारिश और अफ्रीका से तुवर सप्लाई की रफ़्तार पर निर्भर