काबुली चना की टॉप 5 किस्म जो देगी 35 से 40 क्विंटल तक उत्पादन जानें चने की उन्नत किस्में
नमस्कार साथियों हम काबुली चना की टॉप 5 किस्म जो उगाकर आप 35 से 40 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते है। साथियों भारत भर में चने की खेती बहुतायत मात्रा में की जाती है, प्रमुख्त इसमें देसी चना की खेती ज्यादा करते हैं, कयोंकि इसमें पानी की मात्रा की बहुत कम जरूरत पड़ती है, चना का उत्पादन मुख्यत राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा के पश्चिमी जिलों एवम् यूपी के कुछ हिस्सों में की जाती है।
देसी चने की तरह ही काबुली चने की खेती करते हैं, इसकी ज्यादातर खेती एमपी महाराष्ट्र आदि राज्यों में होती है इसके अनेक नाम है जैसे डॉलर चना एवम् छोला चना(लोकल) , इस चने का पौधा कुछ बड़ा होता है इस चने को पकने में देसी चने की बजाय ज्यादा समय लगता है। इसका रंग हल्का सफेद एवम् हल्का गुलाबी होता है इसके फल सामान्य चने की बजाय बड़ा होता है। इसकी उन्नत किस्में कोन सी है जिससे हम अच्छी पैदावार उठा सकते है आज इस लेख में हम जानेंगे…
काबुली चना की टॉप 5 किस्म इस प्रकार है….
1. काबुली चने की किस्म श्वेता
श्वेता काबुली चना एक ऐसी किस्म है जो कम समय पकने में लेती है, इसका दूसरा नाम ICC-2 भी बोलते हैं, इसके दाने मध्यम मोटाई के होते हैं, इसके पकने का समय तकरीबन 85 से 90 दिन का रहता है एवम् उत्पादन प्रति हैक्टेयर 15 से 20 क्विंटल तक प्राप्त कर सकते है इसको बिरानी या नहरी दोनो प्रकार की जमीन पर आसानी से बोया जा सकता है।
2. काबुली चने की मेक्सिकन बोल्ड किस्म
यह काबुली चना की विदेशी किस्म है जो ऊंचाई के लिहाज से सामान्य रहती है, इसकी अधिक पैदावार बीरानी जमीन पर ली जा सकती है यानी इसको कम पानी हेतु विशेषतोर पर तैयार किया गया है। यह पकने में तकरीबन 90 से 100 दिन लेती है इसके दानों का साइज बड़ा रहता है यह चमकदार किस्म की सफेद बोल्ड रंग की होती है। बजारों में इसकी कीमत भी अधिक होती है। बात करे उत्पादन की तो इससे तकरीबन 25 से 35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक ले सकते है। इसमें रोग भी अन्य किस्मों की बजाए कम लगता है।
3. काबुली चने की किस्म हरियाणा काबुली नं 1
इस किस्म को हरियाणा के हिसार में स्थित, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा अधिक पैदावार हेतु विकसित की गई है इस किस्म को पकने में 110 से 130 दिन लगता है। वही उत्पादन में उससे 25 से 30 क्विंटल प्राप्त किया जा सकता है। यह किस्म प्रमुखता से सिंचित क्षेत्र में उपयुक्त मानी गई हैं, बारानी क्षेत्रो के लिए इसकी सिफारिश यूनिवर्सिटी नही करती। इसकी टहनियां काफी फेल जाति है, इसकी एक खासियत यह है कि इसमें रोग नही लगता।
4. काबुली चने की किस्म काक 2
इस किस्म को पकने में मध्यम समय लगता है एवम् ऊंचाई भी सामान्य ही रहती है, उखेड़े की समस्या इस पौधे में नही आती एवम् पकने में यह तकरीबन 110 से 120 दिन लेती है। उत्पादन के लिहाज से यह तकरीबन 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर देती है। इसके फल यानी दानों का आकार सामान्य होता है।
5. काबुली चने की किस्म एच के नं 1
इस किस्म को हरियाणा के हिसार में स्थित, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किया गया है , इसके पकने का समय 120 सामान्यत रहता है एवम् उत्पादन तकरीबन 20 से 25 क्विंटल देती है, इसको प्रमूख्त हरियाणा, पंजाब, उतरी यूपी एवम् राजस्थान के हनुमानगढ़ एवम् श्रीगंगानगर इलाको मे लगाया जा सकता है, यह किस्म सीधी एवम् कम ऊंचाई की होती है।
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निष्कर्ष: काबुली चना की टॉप 5 किस्म के बारे में हमने आज विस्तृत जानकारी आपके साथ सांझा की, हमारी वेबसाइट पर समय समय पर किसानो के हितों एवम् नफा नुकसान को ध्यान में रखकर, नई नई जानकारी लेकर आते हैं, ताकी सही समय पर सही जानकारी किसानो तक पहुंच सके। आगे भी खेतीबाड़ी से जुड़ी जानकारियां आपके साथ सांझा करेंगे अतः ज्यादा से ज्यादा पोस्ट को शेयर करें ताकी बाकी साथीयों तक भी जानकारी पहुंच सके।