जैविक खाद की इंदौर पद्धति जो भारत ही नहीं विदेशो तक है भारी मांग जानें कैसे करे तैयार, जो देगी भरपूर लाभ
जैविक खाद की इंदौर पद्धति? (Organic Fertilizer) कृषि के क्षेत्र में जैविक कंपोस्ट खाद की मांग लगातार बढ़ रही है, लगातार रसायनिक खाद के प्रयोग के चलते खाद्य पदार्थों में अनेक प्रकार की कीटनाशक दवाएं अपनाकर बीमारियां फेल रही है ऐसे में जैविक खाद्य की ओर लोगों का रुझान बढ़ रहा है, क्योंकि जैविक खाद्य पदार्थ से हमारी बॉडी में भी पोषक तत्वों की पूर्ति करने में सहायक है।
भारत के उत्तरी राज्यों से दक्षिणी एवम् पूर्वी भारत से पश्चिमी राज्यो में कृषि एवम् पशुपालन का कार्य भूतकाल से होता रहा है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य के साथ पशुपालन का कार्य तकरीबन 65 फ़ीसदी लोग करते हैं, प्राचीन समय से भारत में पशुओं से जुड़े होने के चलते अपने खेतो मे गोबर से बनी खाद का प्रयोग करते रहे हैं, जिससे सभी पोषक तत्व खेतों में उपलब्ध हो जाते थे, एवम् अतिरिक्त किसी भी प्रकार की खाद का प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं थी।
परंतु आधुनिक समय में अन्य किसानों की देखा देखी अपने खेत में अधिक उत्पादन की कोशिश कर रहे हैं, किसान अधिक उत्पादन के लिए इस समय कीटनाशक एवम् रासायनिक खादों का प्रयोग अधिक मात्रा मे करने लगे हैं, जिससे खेतों में उत्पादन क्षमता बुरी तरह प्रभावित हो रही है, इतना ही नहीं भूमि खराब तो हो ही रही है जबकि आर्थिक हानि का भी सामना करना पड़ता है।
Organic Fertilizer in india: इसलिए किसानों को पौधों की अच्छी बढ़वार के साथ-साथ अपने मिट्टी को भी अच्छी तरीके से उपजाऊ बनाया रखा जाए। इसके लिए अपने घर में तैयार की गई जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए। जिससे उनके घर में हो रहे फालतू में बेस्ट जा रहा कचरा का सही उपयोग कर जैविक खाद (Organic Fertilizer) बनाई जा सकती है। और इसका उपयोग करने से आपकी खेतों में फसल भी अच्छी होगी और जमीन की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ेगी और साथ ही आपको खर्च भी नहीं करना होगा। अतिरिक्त रूप से इसलिए आपको इस जैविक खाद के उपयोग से हर तरफ लाभ ही मिलेगा।
जैविक खाद की इंदौर विधि । Organic Fertilizer For Plants
आपको जैविक खाद को कैसे तैयार करें और ऐसे ही जैविक खाद के रूप में प्रसिद्ध मानी जाती हैं इंदौर विधि। इस विधि को कई लोगों द्वारा अपनाया जाता है और अपनी जमीन के लिए जैविक तैयार करते हैं। आज इस रिपोर्ट में आप अंत तक जरूर देखें (Organic Fertilizer For Plants) इस विधि की प्रक्रिया क्या रहेगी
पौधों के लिए खाद कितना जरूरी है.
किसी भी पौधे को कैल्शियम नाइट्रोजन आयरन फॉस्फोरस पोटेशियम अन्य प्रकार के पोषक तत्व ऑन की मात्रा सही मिले तो पौधे की अच्छी ग्रोथ होती है और इसके साथ-साथ जैविक खाद का प्रयोग करने से पौधे में यह सभी खाद्य मिल जाता है और साथ ही मिट्टी में नमी भी पर्याप्त रूप में बनी रहती है।
आपके घर में जो जानवरों कि खाना खाने के बाद अवशेष बनता है या आपकी रसोई में जो कचरा या भोजन बच जाता है उसे ही आप जैविक खाद तैयार कर सकते हैं
जैविक खाद की इंदौर पद्धति से जाने खाद बनाने का तरीका क्या है
बता दे जैविक खाद बनाने के लिए इंदौर विधि काफी मैसूर विधि है और बता दें कि इस विधि को सबसे पहले यशवंत बाढ़ और अल्बर्ट हावर्ड के द्वारा वर्ष 1931 में इंदौर में ही विकसित की गई थी।
और इसके बाद इस विधि को इंदौर विधि के नाम से ही पहचान है। इस विधि के द्वारा जैविक खाद तैयार करने के लिए बड़े आकार में 20×5×3× के अनुसार फिट और लंबाई में बनाना है वहीं इससे छोटे आकार 9x5x3 फीट में इसे लंबाई चौड़ाई हो गहराई में बनाना होगा।
और इनको तीन से छह भागों में बांट दिया जाएगा और हर भाग में आकार का साइज 3x5x3 फीट तक रखना होगा बता दें कि हर बाग में अलग-अलग भरा जाएगा और इसमें से एक अंतिम भाग को खाली रखना होगा जिसमें इस सब को पलटी करने के लिए रखा गया है।
जैविक खाद की इंदौर पद्धति क्या है ?
Organic Fertilizer For Plants: बता दे की अल्बर्ट हार्वड के द्वारा जैविक खाद के लिए कई शोध किया और 1925 में इंदौर कंपोस्ट खाद को बनाया। इस बनाई गई विधि को इंदौर पद्धति के नाम से जाना जाने लगा जिसको बाद में विदेश में भी अपनाया गया और इंदौर शहर को इस जैविक खेती के लिए पूरी दुनिया में फेमस हुआ।
जैविक खाद के लिए इकट्ठा किया गया कचरा ।
बता दे की इंदौर प्लांट इंस्टीट्यूट के द्वारा इंदौर नगर पालिका और स्वास्थ्य विभाग की मदद से 27 जून 1993 को शहर में सभी प्रकार के कचरा या मलमूत्र को इकट्ठा किया गया और जिस जैविक खाद बनाई गई। इस जैविक खाद के उपयोग (Organic Fertilizer For Plants) से फसलों में अच्छी इनकम होने लगी और किसानों को उचित मूल्य पर जैविक खाद को उपलब्ध करवाया गया।
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