आवक हुई ठप, जीरा धनियां भाव में बड़ी तेजी की उम्मीद जानें क्या रहेगें जीरा धनियां मंडी भाव 2023।
साथियों आने वाले दिनों में जीरा धनियां भाव में बड़ी तेजी की उम्मीद जताई जा रही है, जानकारों के अनुसार बीते हफ्ते सीमित नीलामी एवम् आवक कमज़ोर रहने के चलते लगातार जीरा के भाव बढ़े हैं, एवम् आगे भी इसमें बढने के आसार जताए जा रहे हैं, तो चलिए विस्तार से इस लेख में पूरी जानकारी बताते हैं।
जीरा धनियां भाव में बड़ी तेजी की उम्मीद
लगातार बारिश के बिच एक बार फिर से मानसून दक्षिणी गुजरात में सक्रिय हो गया है। इसकी वजह से राजकोट जिले के धोराजी में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। इसके अलावा क्षेत्र के द्वारका, नवसारी, सूरत आदि क्षेत्रों में भी भारी वर्षा होने और बाढ़ आने की खबरें आ रही हैं। इससे पूर्व उत्तरी गुजरात में भी वर्षा हुई थी लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह क्षेत्र इसकी प्रतीक्षा ही कर रहा है। पूर्व में भारी वर्षा के कारण कच्छ और दक्षिणी गुजरात के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए थे।
जीरा मंडी भाव में 500 रूपए तेजी
बहरहाल, बिल्डिंग कानूनों को लेकर क्षेत्रीय नगर निगम के साथ तनाव होने की वजह से ऊंझा मंडी में गत तीन दिनों से जीरे की नीलामी नहीं हो रही है। व्यापारी हड़ताल पर हैं। इससे पूर्व आवक सीमित होने के बाद भी ऊंझा में जीरे की कीमत 11,350/11, 550 रुपए प्रति 20 किलोग्राम पर बनी हुई है। स्थानीय थोक किराना बाजार में भी लिवाली बढ़ने से जीरा सामान्य 500 रुपए तेज होकर 64,500/67,500 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। इससे पूर्व इसमें एक हजार रुपए की मंदी आई थी
कीमत में आई इस नवीनतम तेजी के बाद भी किसान अपनी इस फसल की बिक्री हाथ रोककर कर रहे हैं। आवक तुलनात्मक रूप से नीची बनी होने का प्रमुख कारण यह है कि बीते मार्च महीने में हुई वर्षा के कारण खासकर राजस्थान में फसल को हानि हुई थी। इसके अलावा बंगलादेश समेत अन्य परम्परागत आयातक देशों की ऊंझा मंडी में जीरे में सक्रियता बनी हुई है।
हालांकि कीमत सामान्य से ऊंची होने के कारण उनकी खरीद सामान्य से कमजोर बताई जा रही है। दूसरी ओर, बीते सीजन के दौरान जीरे के उत्पादन में करीब एक तिहाई की गिरावट आने की आशंका के बाद से इसकी थोक कीमत ने रुक-रुककर नए-नए रिकॉर्ड कायम किए थे। बड़ी चिंता की बात यह है कि समुद्री भाड़ा भी बीते कुछ समय के दौरान बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है परंतु इसका भाड़ा 3 गुणा बढ़ा भी हुआ है।
भाड़े की दर ऊंची होने के करण भी अन्य प्रमुख जिंसों के साथ-साथ जीरे की निर्यात का अभाव बना हुआ है। भारत के अलावा विश्व में तुर्की और सीरिया को जीरे के अन्य उत्पादक देशों के रूप में जाना जाता है लेकिन अब अफगानिस्तान तथा ईरान भी चुनौती पेश करने लगे हैं। हालांकि तुर्की एवं सीरिया में संयुक्त रूप से तकरीबन 35 हजार टन जीरे का उत्पादन करते है एवम् इनकी क्वालिटी भारतीय जीरे की तुलना में हल्की होती है।
चालू वित्त वर्ष 2023-24 के आरंभिक दो महीनों में जीरे का मात्रात्मक निर्यात 68 प्रतिशत उछलकर 42,988.50 टन का हुआ आय 205 प्रतिशत उछलकर 1502.27 करोड़ रुपए की हुई। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में देश से 492.11 करोड़ रुपए मूल्य के 25,603 टन जीरे का निर्यात हुआ था । आगामी दिनों में जीरा मजबूत ही बना रहने के आसार हैं।
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हाजिर मंडियो में धनियां भाव में आयेगी तेजी
घटी हुई कीमत पर धनिए की बिक्री वृद्धि देखी गई है। इसके परिणामस्वरूप यहां धनिया बादामी 200 रुपए तेज होकर 8700 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गया। हाल ही में इसमें इतनी ही मंदी आई थी। राजस्थान की बारां मंड़ी में धनिए की करीब एक हजार बोरियों की आवक होने तथा 100-200 रुपए की तेजी आने की सूचना मिली। सटोरियों की चौतरफा लिवाली निकलने से सक्रिय वायदा 404 रुपए या 5.43 प्रतिशत उछलकर 7850 रुपए पर पहुंच गया। इससे बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती है। आने वाले कुछ दिनों में हाजिर मंडियो में धनियां तेज होने के आसार दिखाई दे रहे है।