यदि गेहूं में जड़ माहू कीट का प्रकोप बढ़ रहा है तो जानें इसके लक्षण एवम् आसान नियंत्रण करने के उपाय
इस समय गेहूं में जड़ माहू कीट का प्रकोप बढने के आसार बढ़ गए हैं, यह प्रकोप पहले पानी के बाद काफी फसलों में फेलने लगता है, इस समय किसानों ने गेहूं में पहला पानी दे दिया है वहीं दूसरे पानी की तैयारी भी किसान साथी कर रहे हैं ऐसे में यह रोग (गेहूं में जड़ माहू कीट) अनेक गेहूं के खेतो में देखने को मिलता है जिसके कारण गेहूं की फसल पीली पड़ने लगती है एवं कई जगह पर फसल में पौधे उखड़ने भी लगते हैं ऐसे में इसके नियंत्रण हेतु किसान क्या क्या कर सकते हैं इसके बारे में कृषि विभाग कुछ सुझाव एवं कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं तो चलिए कौन से स्प्रे, कीटनाशक दवाएं एवम् अन्य उपाय किसान साथी करे ताकी गेहूं में माहू कीट का प्रकोप आगे ना फेले एवम् इस पर नियंत्रण कर सके
गेहूं में जड़ माहू कीट के कारण । Root Aphid in Wheat
गेहूं में माहू कीट रोग के फैलने के कई प्रकार के कारण है इनमे प्रमुख कारण अनेक प्रकार के उर्वरक एवं तत्वों की कमी होना, हालांकि सामान्य तौर पर देखा गया है कि पहले पानी के बाद इस रोग का प्रकोप गेहूं में बढ़ने लगता है इसके अलावा मौसम प्रतिकूलता के कारण गेहूं की फसल में जड़ महू कीट एक ज्यादा बढ़ने लगता है क्योंकि जनवरी के माह में सर्दी में भी वृद्धि होती है और उतनी मात्रा में फसल में नमी ने होने के चलते भी यह रोग फैलने लगता है, इसलिए किसान साथी रोजाना इस मौसम में गेहूं की फसल को रोजाना जाकर जरुर देखभाल करे ताकी बीमारी के बारे में अच्छे से पता कर सकें, एवम् ईलाज समय पर कर सके।
क्या है गेहूं में जड़ माहू प्रकोप के प्रमुख लक्षण
संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार जिला परिषद महेश कुमार शर्मा के मुताबिक गेहूं की फसल में जड़ माहू प्रकोप (Root Aphid in Wheat) होने के लक्षण के अनेक है परंतु मुख्य तौर पर यह कीट गेहूं की फसल में पौधे की जड़ में लगने लगता है जी गेहूं की जड़ को जूस लेता है, जिसके कारण अधिकतर पौधे पीले पड़ने लगते है एवम् सूखकर खत्म होने शुरु हो जाते है, शुरुआती दौर में यह रोग कुछ कुछ स्थानों पर दिखाईं देता है परंतु कुछ दिनों बाद खेत में धीरे धीरे फेलकर सारे खेत को बर्बाद कर देता है।
जड़ माहू कीट गेहूं की फसल में ऐसे करे पहचान
Root Aphid in Wheat: गेहूं की फसल में जड़ माहू कीट की पहचान हेतु किसान साथी रोजाना अपने खेत में जाकर जरुर देखे, एवम् सुबह सुबह जो पोधा उखड़ा हुआ या पीलापन दिखाईं देता है उसे जड़ सहित 2 से 4 पौधे बाहर निकाल ले, उखाड़ने के बाद पौधे की जड़ो में यह कीड़ा हल्के पीले रंग या गहरे हरे रंग 3का दिखाईं देगा जिसे आसानी से देख सकते है।
ऐसे करे गेहूं में जड़ माहू कीट का नियंत्रण
इस रोग के नियंत्रण हेतु किसान साथी प्रति हेक्टेयर क्लोरोपायरीफॉस 20 प्रतिशत ई.सी. 1 से 2 लीटर इससे अलावा फिप्रोनिल 0.3 प्रतिशत जीआर 15-20 किलोग्राम हेक्टेयर यूरिया में या फिर बालू मिट्टी में मिलाकर खेत में छिड़काव करें फिर फसल में सिंचाई करना चाहिए।
किसान इसके अलावा प्रति हेक्टेयर क्लोरोपायरिफोस 20 प्रतिशत ईसी 1 से 2 लीटर या इससे अलावा इमीडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल 200-250 एमएल हैक्टेयर या थायोमिथाक्जॉम 25 प्रतिशत डब्ल्यूजी 100 ग्राम हैक्टेयर पानी में घोल बनाकर पूरे खेत में अच्छी तरह से स्प्रे द्वारा छिड़काव करना चाहिए।
बता दें कि यह सभी दवा सिस्टेमिक प्रकार से काम करती है जिनसे पूरे पौधे में जहरीला हो जाता है। और जब कीट रस चूसता है तो वह मर जाते है। यदि इस रोग का प्रकोप खेतो में अधिक मात्रा मे दिखाईं दे तो कृषि विभाग से संपर्क जरूर करें एवम् समय पर ईलाज करे।
ये भी पढ़ें👉अमरूद की खेती कैसे करें जानें,लागत, उगाने का समय, खाद उर्वरक, उत्पादन एवम् बचत सहित जाने पूरी जानकारी
ये भी पढ़ें 👉ट्रैक्टर सब्सिडी योजना : किसानों को अब 5 लाख रुपए 4WD ट्रैक्टर पर मिलेगी सब्सिडी, ऐसे करें आवदेन
ये भी पढ़ें 👉किसानों को पॉपुलर के पौधे लगाने पर सरकार देगी भारी सब्सिडी , जानें कैसे ले सब्सिडी का लाभ एवम् कैसे करे खेती
व्हाट्सअप ग्रुप से जुड़े 👉 यहां क्लिक करके जुड़े