बासमती धान का भाव बीते 2 दिनों में 200 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ गए, 27 सितम्बर पिछले महीने सरकार द्वारा बासमती प्रजाति के सभी चावल के निर्यात पर कंडीशन 1200 डॉलर प्रति टन का लगा दिया गया था, उसके चलते बढ़ती महंगाई को विराम लग गया था, जो घटाकर 850 डॉलर प्रति टन का कंडीशन कर दिया गया, उसे देखते हुए बाजार फिर सेला माल में 500/700 रुपए बढ़ सकते हैं।
गौरतलब है कि विश्व स्तरीय खाद्यान्नों की भारी कमी एवं प्रतिकूल मौसम के चलते सभी तरह के बासमती चावल के भाव विदेशों में तेज हो गए हैं। भारतीय चावल का निर्यात पर पड़ता सभी देशों के लिए अन्य निर्यातक देशों की तुलना में सस्ता पड़ रहा था, जिससे 10 अगस्त तक जबरदस्त सेला, स्टीम एवं कच्ची बासमती चावल का निर्यात हुआ, इसे देखते हुए सरकार द्वारा गत एक महीने पहले बासमती चावल का निर्यात मूल्य 1200 डॉलर प्रति टन का कंडीशन लगा दिया गया था।
कहने का मतलब यह है कि बासमती चावल 1200 डॉलर प्रति टन से कम में निर्यात नहीं किया जा सकेगा। इस वजह से बाजार में बढ़ती महंगाई को विराम लग गया था, लेकिन इसके बाद हरियाणा-पंजाब के कुछ निर्यातक प्रतिनिधि मंडल माननीय मंत्री महोदय से पिछले दिनों मिला था तथा उन्होंने आश्वासन दिया था कि इस पर विचार किया जाएगा।
तत्पश्चात व्यापार की परिस्थितियों का आंकलन करने के बाद 1200 डॉलर प्रति टन के कंडीशन को बदलकर 850 डॉलर का कंडीशन लगा दिया गया। यानी अब 850 डॉलर तक चावल का निर्यात हो सकेगा, इससे निर्यातकों एवं राइस मिलों को काफी राहत मिली है। आज अधिकतर चावल मिलों ने सेल क्लोज कर दिया था, जिससे बाजार में 200 रुपए की चाल आ गई है।
आने वाले एक सप्ताह के अंतराल बासमती प्रजाति के सभी सेला चावल में 500 रुपए की तेजी आ सकती है, जबकि स्टीम एवं कच्ची बासमती चावल पहले से ही तेज चल रहे हैं, जिससे इन मालों पर इतना प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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