प्राइवेट में ब्लैक में खाद लेने को मजबूर किसान, सहकारी समितियों पर किसानों की लगी लंबी कतारें।
प्रशासन द्वारा प्राप्त खाद के दावे की जाती रहे हैं परंतु किसानों को खाद नहीं मिल पा रही मां के अनुसार खाद्य मिलने से किसानों द्वारा हंगामा किया गया मंडी परिसर में 1000 किसानों की लंबी कतार लगी परंतु सिर्फ 350 पर्ची ही प्राप्त हुई। को बिना पर्ची के ही वापस लौटना पड़ा इस पर किसी अधिकारियों का कहना है कि जिसके अंदर पर जितनी क्षमता है उसी के हिसाब से ही पर्ची बांटी गई है।
उधर मुरैना प्रशासन का दावा है कि केंद्र पर पर्याप्त खाद है लेकिन किसानों को तीन-चार दिन लाइन में लगना पड़ता है तब जाकर ही उन्हें खाद्य प्राप्त होती है वह भी दो बार लाइन में धक्का खाने पड़ते हैं एक बार परिचय और दूसरी बार पैसे जमा करने के लिए दूसरी ओर प्राइवेट दुकानों पर ब्लैक में खुलेआम खाद मिल रही है प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर किसानों में काफी आक्रोश देखा गया है कृषि परिसर में विपणन सहकारी कार्यालय के गोदान में बीते दिन 1000 किस लाइन में लगे हुए थे परंतु सिर्फ 350 किसानों को ही पर्ची प्राप्त हुई यही नहीं इसके बाद 4 से 5 दिन बाद ही उन्हें खाद्य प्राप्त होगी जिन किसानों को पर्ची प्राप्त नहीं हुई उनके किसानों ने हंगामा कर दिया।
दूसरी ओर प्राइवेट दुकानों में खुलेआम 268 का यूरिया का कट्टा अब 300 एवम् 1355 का डीएपी का कट्टा 1500 में बेचा जा रहा है। किसानो का कहना है कि सरसों की बोनी के समय विधानसभा चुनाव था इसलिए आसानी से खाद मिल गया अब चुनाव हो गया तो खाद के लिए किसानों को परेशान किया जा रहा है।
उधर किसानों का कहना है कि कृषि व राजस्व अधिकारियों की मिली भगत होने से प्राइवेट दुकानों पर खुलेआम ब्लैक में खाद मिल रहा है। SDM, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षकों ने बीते दिनों कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ गोदामों के नाम पर दुकानों का निरीक्षण करके कलेक्टर को सही रिपोर्ट भेज दी जबकि गोदामों से 1500 रुपए में डीएपी और 300 रुपए यूरिया खाद बेचा जा रहा है।
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