Edible oils rates: सरकार की सख्ती से कंपनियों ने घटाए खाद्य तेल के दाम वैश्विक बाजारों में खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट
Edible oils rates: बीते सप्ताह तेल तिलहन के दामों में मजबूती दर्ज की गयी ।सोयाबीन 100 से 150 रुपये बढ़ा, वहीं सरसो में 250 से 300 रुपये की बढ़त दर्ज की गयी।। विदेशी बाजारों में मजबूती से खाद्य तेलों में भी 3 से 5 रुपये प्रति किलो की मजबूती आयी मूंगफली तेल और सनफ्लावर के भाव स्थिर रहे। सोयाबीन अभी भी पिछले वर्ष की तुलना में 26% निचे सरसो भी पिछले वर्ष 7450 तक बीका था जो की अब 27% निचे 5375 पर है खाद्य तेलों के भाव अपने पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 35% से 42% तक निचे हैं।।
Edible oils rates:सरकार की सख्ती से कंपनियों ने घटाए खाद्य तेल के भाव
सरकार की सख्ती से कंपनियों ने घटाए खाद्य तेल के दाम वैश्विक बाजारों में खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट और देश में सरसों की अच्छी फसल होने के बावजूद घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के दाम कम न होने पर सरकार की चेतावनी का असर पड़ा। मदर डेयरी ने धारा खाद्य तेलों की कीमत में कटौती करने का फैसला लिया है। वहीं, खाद्य तेल कारोबारियों ने उत्पादकों से जल्द से जल्द कीमतें कम करने और उपभोक्ताओं को लाभ देने को कहा। सरकार और कारोबारियों की एक राय होने के कारण जल्द ही बाजार में खाद्य तेलों के दाम कम होगें।
अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में घटे दामों का असर
Edible oils rates:अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री शंकर ठक्कर ने बताया कि खाद्य और सार्वजनिक विभाग वितरण, भारत सरकार, नियमित रूप से देश में खाद्य तेल की कीमतों की समीक्षा करता है। पिछले वर्ष अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी रही थी लेकिन पिछले 6 महीनों में और विशेष रूप से पिछले 60 दिनों में खाद्य तेलों के दाम अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजारों में बड़ी मात्रा में कम हुए हैं।।
घरेलू बाजारों में अभी भी है ऊंचे दाम
स्थानीय स्तर पर मूंगफली, सोया, सरसों की बंपर फसल भी हुई है लेकिन फसल के अनुरूप उत्पादकों ने खाद्य तेलों की MRP कम नहीं की है। अभी भी बाजार में पैक किए गए खाद्य तेल की मौजूदा MRP अंतरराष्ट्रीय बाजार की मौजूदा कीमतों के अनुरूप नहीं है, यानी घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतें अभी भी ज्यादा हैं। मौजूदा बाजार परिदृश्य को देखते हुए उच्च स्तर पर रहें। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने सलाह दी है कि वह सदस्यों को खाद्य तेलों पर MRP कम करने और उपभोक्ताओं को लाभ देने के लिए सूचित करे। सरकार की इस बात से संगठन भी सहमत है इसलिए हमने भी कंपनियों से तुरंत खाद्य तेलों के दाम कम करने, पैकट पर नई MRP लिखने और इसकी सूचना देने को कह रहे हैं।।।
खाद्य तेलों की गिरती कीमतों के अनुरूप MRP कम करें
महासंघ के महामंत्री तरुण जैन ने कहा कि हम सभी सदस्यों को सलाह देना चाहते हैं कि वे खाद्य तेलों की गिरती कीमतों के अनुरूप MRP कम करें और पिछले महीनों में उनके द्वारा MRP में की गई कमी का विवरण हमें भेजे। उत्पादक यह भी ना भूले कि आखिरकार हम भी एक उपभोक्ता है। खाद्य तेल के उपभोक्ताओं के साथ किसी प्रकार की नाइंसाफी ना हो। इसलिए तुरंत MRP कम करे और जानकारी हम तक भेजें ताकि हम इसकी जानकारी सरकार तक पहुंचा सकें।।
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भविष्य में और घटेंगे दाम
सरकार के निर्देश के बाद मदर डेयरी ने सबसे पहले फैसला लेते हुए धारा खाद्य तेलों की कीमत में कटौती कर दी है। ये कटौती तुरंत प्रभाव से करने का फैसला लिया गया है। वहीं, कहा गया है कि दाम में कटौती के साथ नए स्टॉक अगले हफ्ते से बाजार में आ जाएंगे। अदाणी विल्मर ने भी दाम में कटौती करने का ऐलान कर दिया है। फॉर्च्यून की कीमत में भी 20 रुपये प्रति लीटर तक कटौती करने का फैसला किया गया है। फॉर्च्यून सोयाबीन की कीमत अप्रैल में घटाकर 145 रुपये से घटाकर 140 रुपये कर दिया गया था। साल के शुरुआत से लेकर अब तक फॉर्च्यून सोयाबीन के दाम में 30 रुपये की कमी आ चुकी है। साल के शुरुआत से फॉर्च्यून सोयाबीन की कीमत 170 रुपये थी, जो घटकर 140 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है। आने वाले एक हफ्ते में इसमें और कटौती हो सकती है। इसके साथ ही हैदराबाद की जेमिनी एडिबल ने अपने जैमिनी ब्रांड तेल की कीमत में 10 रुपये की कटौती करने का फैसला किया है ।।
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