गेहूं का भाव: नमस्कार साथियों जैसा की आपको पता है कि बीते दिनों गेहूं के भाव (wheat Price) में लगातार तेजी देखने को मिल रही थी, जिसके चलते भारत सरकार द्वारा गेहूं की स्टॉक सीमा लगा दी गई, कयोंकि सरकार नही चाहती की गेहूं का भाव बहुत ऊपर चला जाय एवम् महंगाई दर भी ऊपर पहुंच जाए, क्योंकि आने वाले दिनों में चुनाव का साल आने वाला है उससे पहले सरकार किसी भी हालत में महंगाई को बढ़ने नही देना चाहती, इसके अलावा दूसरा कारण यह भी है कि सरकार द्वारा फ्री राशन वितरण योजना के तहत जो गेहूं आम लोगों को मुहैया कराई जा रही है उस पर भी बाधा के स्कीम चलती रहे।
गेहूं का भाव में नही थमेगी तेजी
सरकार द्वारा बीते दिनों गेहूं पर स्टाक सीमा लगा दिए जाने के चलते बाजार गिरकर दिल्ली लॉरेंस रोड में गेहूं का भाव 2365/2370 रुपए प्रति क्विंटल रह गया था, हालांकि उत्पादक मंडियों से पड़ते नहीं लगने के कारण फिर से 30 से 40 रुपए प्रति क्विंटल बाजार बढ़कर 2460/2465 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। वास्तविकता यह है कि मध्यप्रदेश में 2150 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं बनते ही स्टाकिस्ट की लिवाली बढ़ गई। जिसके चलते वहां पर गेहूं का भाव 2200/2210 रुपए मुलताई लाइन में भाव बोलने लगे।
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घरेलू बाजार एवम् विदेशी बाजारों में आपूर्ति में आई कमी
उतर प्रदेश में इस बार गेहूं की आपूर्ति अनुकूल नहीं है, बिहार में भी वहां की खपत से अधिक माल की उपलब्धता नहीं है। उधर दक्षिण भारत की मिलों में शॉर्टेज बनने से लगातार एमपी से रैक लोड हो रहे हैं। पड़ोसी देशों में भी गेहूं के ऊंचे भाव हो गए हैं, जिससे सीमावर्ती मंडियों से माल जाने की चर्चा आ रही है। यही कारण है कि दिल्ली में मंदै के बाद फिर बाजार यहां पर है तथा माल की उपलब्धि में कमी को देखकर बाजार अभी 30 से 40 रुपए प्रति क्विंटल तक और बढ़ सकता है।
विदेशी बाजारों से अनाज आंकड़े
कृषि विभाग द्वारा जारी नए आंकड़ों के अनुसार चालू मार्केटिंग सीजन के मार्फत 1 जुलाई 2022 से 16 जून 2023 के बीच देश से कुल 474.90 लाख टन अनाज एवं दलहन का निर्यात किया गया है, इसमें 163.14 लाख टन गेहू, 281.85 लाख टन मक्का, 26.67 लाख टन जौ तथा 18 हजार टन राई का शिपमेंट शामिल है। वही पिछ्ले साल इस सीज़न के दौरान 2020-22 के मार्केटिंग सीजन में यूक्रेन से 17 जून 2022 तक कुल 477.94 लाख टन अनाज और दालों का निर्यात किया गया था।
विदेशी बाजारों में गेहूं का निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा
जिसमें 186.46 लाख टन गेहूं, 229.40 लाख टन मक्का, 57.37 लाख टन जौ एवं 1.62 लाख टन राई का शिपमेंट सम्मिलित था। इन आंकड़ों से पता चलता है। कि पिछले मार्केटिंग सीजन के मुकाबले मौजूदा सीजन के दौरान यूक्रेन से अनोजी फसलों एवं दलहनों के कुल निर्यात में केवल 3 लाख टन की गिरावट आई जबकि उसे कई बंदिशों एवं कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
गेहूं, जौ तथा राई के निर्यात में काफी गिरावट आ गई लेकिन मक्का का शिपमेंट बहुत बढ़ गया। मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक चालू माह (जून) के आरंभिक 15 दिन के दौरान यूक्रेन से कुल 21.53 लाख टन अनाज एवं दलहन का शिपमेंट किया गया जिसमें 8.16 लाख टन गेहूं, 23.14 लाख टन मक्का एवं 20 हजार टन जौ का निर्यात शामिल था।